Thursday 7 November 2019

मार्केटिंग

मार्केटिंग

हमारी जिंदगी इतनी भी आसान नही है
ये सच है किसी का इसतरफ ध्यान नही है

खर्चों का आलम ये है कि अपनी ख्वाहिशों का गला दबा देते हैं
और ये आँसूँ हमको भी आते हैं ये अलग बात है हम छुपा लेते हैं

और जिन्हें लगता है कि हम बड़े मौज में हैं
उन्हें क्या पता हम रहते किस खोज में हैं

अंदाजा लगाना हो तो स्वागत है आपका बाज़ार मे
अच्छे अच्छो की नाँव डूब जाती है मँझधार में

लड़को पर ग़ज़ल

हमारी जिंदगी भी इतनी आसान नही है
ये सच है किसी का इसतरफ ध्यान नही है
खर्चों का आलम ये है कि अपनी ख्वाहिशों का गला दबा देते हैं
और ये आँसूँ हमको भी आते हैं ये अलग बात है हम छुपा लेते हैं
धोकेबाज़ फरेबी न जाने क्या क्या नाम मिलते हैं
दारू दवा नही है पर इसी से तो ये ज़ख्म भरते हैं
सुनो तुम भी मेरी तरह किसी के होकर जानो
ये दिल क्या है और दिल्लगी क्या चीज है
एक जमाने से लड़कर अब ये समझ मे आया
खुदखुशी क्या है और खुशी क्या चीज है

Sunday 3 November 2019

ग़ज़ल- तुम हमारे लिए हम तुम्हारे लिए

ग़ज़ल

तुम हमारे लिए हम तुम्हारे लिए
चाँद जैसे फलक पर सितारे लिए

अश्क़ का मोल क्या उसकी कीमत है क्या
मै छलकता रहा अश्क़ सारे लिए

इसतरह हो रही है हवा गर्द सी
फूल मुरझा रहे अब्र खारे लिए

आ गए आज खुद वो मेरे सामने
लग रहा रेत आई किनारे लिए

बंदिगी में खुदा की मजा आ गया
बन गए जब खुदा तुम हमारे लिए

कविराज तरुण