बिक जायेंगे दीपक तो मिल जायेगा मुझको खाना
क्या तुम बस एलईडी से ही अपना घर चमकओगे
या फिर मिट्टी के दीपक भी अपने घर ले जाओगे
सोच समझकर जो भी मन में आये मुझको बतलाना
दीवाली है, घर पर मिट्टी के दीपक लेते जाना
पिछली दीवाली में भी मै बैठा था इस कोने में
मेरी सारी रात कटी थी मन ही मन बस रोने में
इस बार अगर हो पाये तो मुझको ना तुम रुलवाना
दीवाली है, घर पर मिट्टी के दीपक लेते जाना
उधर लाइट की चमक धमक है इधर बड़ा सन्नाटा है
दीपक लेकर छत पर जाने में बालक शर्माता है
उसे कभी तुम दीपक और दीवाली क्या है समझाना
दीवाली है, घर पर मिट्टी के दीपक लेते जाना
मेरे घर में दीपक हैं पर रौशन कैसे कर दूँ मै
भूखे हैं बच्चे मेरे पर पेट कहाँ से भर दूँ मै
उन्हें पता क्या कितना मुश्किल है दीपक का बिक पाना
दीवाली है, घर पर मिट्टी के दीपक लेते जाना