Tuesday 13 August 2019

वंदे मातरम

वंदे मातरम

देश के वीर जवानों का मतवाला सा ये टोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम

धारा तीन सौ सत्तर हट गई काश्मीर की घाटी से
अलख जगी है देशप्रेम की केशर की इस माटी से
उरी और फिर पुलवामा का बदला केवल झाँकी है
थोड़ा सा तुम सब्र करो अभी पिक्चर आनी बाकी है

आतंकवाद की नस्लो पर पड़ गया आग का गोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम

एक नही दो बार नही तुम कितनी बारी हारे हो
इतिहास पलटकर देखो तुम बस दहशत के लश्कारे हो
हम दहशतगर्दी का ये नंगा नाच नही चलने देंगे
इस स्वर्ग-सरीखी धरती पर आतंक नही पलने देंगे

अब तेरे छदम इरादों का सब पोल हिन्द ने खोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम

कविराज तरुण

Wednesday 7 August 2019

कतअ 16

तेरी गलियों से गुजरे ज़माना हुआ
इश्क़ तो न हुआ पर फसाना हुआ
'तुमसे बेहतर मिलेगी' -कहा आपने
वाह बहुत खूब ! ये भी बहाना हुआ

Monday 5 August 2019

कतअ 15

तुम्ही दिन के उजाले में अँधेरी रात करते हो
खिली सी धूप है फिरभी यहाँ बरसात करते हो
मुझे बिल्कुल नही जँचता तेरा अंदाज सच में ये
किसी से भी बयाँ दिल के सभी जज़्बात करते हो

कतअ 14

मेरी उम्मीदों को कुछ तो हौसला दे दो
मेरे हक में भी कभी कोई फैसला दे दो
मै आज़ाद पंक्षी हूँ मगर अब थक चुका हूँ मै
तुम अपने दिल मे छोटा सा मगर एक घोंसला दे दो