Sunday 23 June 2019

कतअ 3

प्यार से दो घड़ी मुस्कुराया करो
तुम कभी सामने जबभी आया करो

ये जरूरी नही जिस्म का हो मिलन
इतना काफी है रूहें मिलाया करो

कविराज तरुण

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