Thursday 29 October 2020

चलो कुछ सोचते हैं

#विषय - #चलोकुछसोचतेहैं
#गीत
#कविराजतरुण
#साहित्यसंगमसंस्थान

चलो कुछ सोचते हैं आज नूतन
बजे जिससे खुशी के साज नूतन

बुरा कुछ भी नही सबका भला हो
महकते फूल से हर घर सजा हो
किसी को चोट ना पहुँचे कभी भी
कि मन को जीत लेने की कला हो
मिठाई सी लगे आवाज नूतन

चलो कुछ सोचते हैं आज नूतन
बजे जिससे खुशी के साज नूतन

करे सम्मान सबकी भावना का
विचारों की नई आराधना का
कदम मिलकर बढ़ाएं साथ ऐसे
कि पूरा हो मनोरथ साधना का
मिले सबको खुशी का ताज नूतन

चलो कुछ सोचते हैं आज नूतन
बजे जिससे खुशी के साज नूतन

सितारों सा सदा तुम जगमगाना
कि चिड़ियों से सदा ही चहचहाना
न डरना तुम ज़रा भी मुश्किलों से
हवाओं में खुशी के गीत गाना
बदलना तुम नही अंदाज नूतन

चलो कुछ सोचते हैं आज नूतन
बजे जिससे खुशी के साज नूतन

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