घोर तिमिर जो छाया है तुम उसका तो संहार करो
आग नही बन सकते हो तो दीपक सा व्यवहार करो
अभी समय है कर्मयुद्ध का अभी समय है तपने का
अभी समय है पूर्ण करो तुम हर इक हिस्सा सपने का
मिले कष्ट जो तुम्हे राह में तुम उनको स्वीकार करो
आग नही बन सकते हो तो दीपक सा व्यवहार करो
किसे पता है कल क्या होगा वर्तमान है साथ अभी
तुझे कोशिशों से भरना है अपना खाली हाथ अभी
समय की रेखा पर चलकर तुम सारी बाधा पार करो
आग नही बन सकते हो तो दीपक सा व्यवहार करो
घोर अंधेरा तो आयेगा डरने की है बात नही
सूर्य उदय तो होगा फिर से रही हमेशा रात नही
अपने मन की किरणों से तुम थोड़ा सा उजियार करो
आग नही बन सकते हो तो दीपक सा व्यवहार करो
जीत सदा ही मिले सत्य को झूठ सदा ही हारा है
निर्भय जीवन जीने का बस मात्र यही इक चारा है
इसी सत्य को जीवन का तुम अब अपने आधार करो
आग नही बन सकते हो तो दीपक सा व्यवहार करो
Undoubtedly awesome...👏👏👍
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