तुमको पा लें तो ये उम्र गुजर जाए मेरी
दिन संभल जाए ये रात संवर जाए मेरी
अपने होंठों पे तराजू लिए फिरता हूं
बात निकले तो तेरे दिल में उतर जाए मेरी
वो जो रौशन है जिसे लोग चांद कहते हैं
तेरे होते हुए क्यों उस पे नजर जाए मेरी
इसी फिराक में राहों पे तेरी बैठा हूं
तू जो देखे तो तबियत सुधर जाए मेरी
और ये इंस्टा एफबी के होने का तभी मतलब है
के जब प्रोफाइल तेरी फोटो से भर जाए मेरी
कविराज तरुण
No comments:
Post a Comment