रंग, जो चमन के मुस्कुराते फूल में होते हैं
रंग, जो हवा के हर मूल में होते हैं
रंग, जो जड़ो में चेतन में धूल में होते हैं
रंग, जो चुभते किसी शूल में होते हैं
// उन रंगों की कहानी है भोली ...
आखिर रंग का त्योहार है होली //
रंग, जो कहे वतन के खून की कहानी
रंग, जो हमें बताये बात कोई पुरानी
रंग, जो अंतर कहे कि खून या पानी
रंग, जो सादगी की पहचान हैं निशानी
// उन रंगों की कहानी है भोली ...
आखिर रंग का त्योहार है होली //
रंग, जो उजड़ते चमन को महका दे
रंग, जो खिलें और खिल के सबको बहका दे
रंग, जो जल के भीतर भी ज्वाल दहका दे
रंग, जो अंध में भी ज्योति दिखला दे
// उन रंगों की कहानी है भोली ...
आखिर रंग का त्योहार है होली //
रंग, जो लाये सुन्दरता में नया निखार
रंग, जो दूर कर दे मुख से दाग या विकार
रंग, जो याद दिलाये विजय का सार
रंग, जो मधुमास में ले आए नवबहार
// उन रंगों की कहानी है भोली ...
आखिर रंग का त्योहार है होली //
रंग, जो हमारी पहचान हैं निशानी
रंग, जो मिलकर बनाए रंग नूरानी
रंग, जिसकी चाह में है दुनिया दीवानी
रंग, जो कहता नही है बात जुबानी
// उन रंगों की कहानी है भोली ...
आखिर रंग का त्योहार है होली //
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