तुम्हे वफ़ा कबूल है कमाल है
तुम्हारा भी उसूल है कमाल है
तुम्हारे शौक आज भी हैं लाजिमी
हमारा सब फ़िजूल है कमाल है
कहीं किसी के बाग़ को उजाड़कर
खिला तुम्हारा फूल है कमाल है
तुम्हे हवा लगी तपाक उड़ पड़े
मिजाज तेरा धूल है कमाल है
करोगे सौ दफा तमाम गलतियाँ
बताओगे कि रूल है कमाल है
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