Wednesday, 3 April 2024

मशाल

सत्य के जो साथ हो, उसको क्या मलाल हो 
आँख में जूनून हो, हाथ में मशाल हो 
लक्ष्य क्यों सरल मिले, वो भव्य हो विशाल हो 
जीतना पड़े कि ऐसे, उसकी भी मिसाल हो 
रोक दे तुझे कोई, किसकी ये मजाल हो 
दुश्मनों की भीड़ बोले, तुम स्वयं ही काल हो

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