Sunday 8 September 2024

लहजा बदल के देख

सब काम होगा तेरा लहजा बदल के देख 
इकबार अपने घर से बाहर निकल के देख

है झुनझुना मोहब्बत ये जानते हैं फिर भी
कुछ देर के लिए ही इससे बहल के देख

किस ख़ाक में जवानी हमने गुजार दी है
ये देखना अगर हो दुनिया टहल के देख

ये क्या कि छोटे छोटे सपनों की सैर करना 
गर देखना है सपना रंगो-महल के देख

कुछ बात बोल दी है कुछ बात है अधूरी
जो माइने छुपे हैं मेरी ग़ज़ल के देख