दो शब्द मीठे बोलने से क्या बुरा हो जायेगा
पर दो दिलों के दरमियां कम फासला हो जायेगा
क्यों नफरतों का बीज फैला है जहां में हरतरफ
ये बीज आगे पेड़ बनकर फिर खड़ा हो जायेगा
ये आग वाला खेल माना दे रहा है मौज भी
पर एकदिन इस आग से ही हादसा हो जायेगा
इस प्यार में जो शक्ति है वो है नही अलगाव में
हां देखिए इस शक्ति से कितना भला हो जायेगा
है कौन किसका सोचने की क्या जरूरत है 'तरुण'
जो ना हुआ अबतक किसी का वो तेरा हो जायेगा
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