Sunday 23 June 2024

तू साथ है मेरे

मुझको गुरूर था तू साथ है मेरे 
आँखों में नूर था तू साथ है मेरे 

कोई और हो न हो क्या फर्क है मुझे 
इतना जरूर था तू साथ है मेरे 

ये खौफ ये सजा ये दर्द ये सितम 
इन सबसे दूर था तू पास है मेरे

परवाह नही कोई किस ओर थे कदम 
कैसा फितूर था तू साथ है मेरे

जो बात चल पड़ी वो बात हो गई 
बस जी हुजूर था तू साथ है मेरे

जरुरत क्या है

चिंगारी भड़काने की जरुरत क्या है 
दिल मे आग लगाने की जरुरत क्या है 

मै कबसे तेरे जलवों का मुरीद हूँ 
तो मुझसे इतराने की जरुरत क्या है

तेरी हर बात से सहमत हो जाता हूँ 
फिर इतना समझाने की जरुरत क्या है

ज़ख्म से मुहब्बत का नाता गहरा है 
इस पे मरहम लगाने की जरुरत क्या है

बस तेरा साथ चाहिए और कुछ नही
इस बेदर्द ज़माने की जरुरत क्या है

Tuesday 18 June 2024

कोशिश में रहा

मै दिल को आजमाने की कोशिश में रहा
अपनों को मनाने की कोशिश में रहा

तुम्हें पाने की रेखाएं तो थी ही नही
फिर भी तुझे पाने की कोशिश में रहा

अलफ़ाजों से दिल की बात न निकली
मै खामोशियाँ बताने की कोशिश में रहा

तेरे सच से मेरा कोई वास्ता नही है
तेरा झूठ ही छुपाने की कोशिश में रहा 

मुझे मालूम है तुझे मेरी याद आएगी
सो मै यादें बनाने की कोशिश में रहा

कविराज तरुण