मै दिल को आजमाने की कोशिश में रहा
अपनों को मनाने की कोशिश में रहा
तुम्हें पाने की रेखाएं तो थी ही नही
फिर भी तुझे पाने की कोशिश में रहा
अलफ़ाजों से दिल की बात न निकली
मै खामोशियाँ बताने की कोशिश में रहा
तेरे सच से मेरा कोई वास्ता नही है
तेरा झूठ ही छुपाने की कोशिश में रहा
मुझे मालूम है तुझे मेरी याद आएगी
सो मै यादें बनाने की कोशिश में रहा
कविराज तरुण
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