Sunday 23 June 2024

तू साथ है मेरे

मुझको गुरूर था तू साथ है मेरे 
आँखों में नूर था तू साथ है मेरे 

कोई और हो न हो क्या फर्क है मुझे 
इतना जरूर था तू साथ है मेरे 

ये खौफ ये सजा ये दर्द ये सितम 
इन सबसे दूर था तू पास है मेरे

परवाह नही कोई किस ओर थे कदम 
कैसा फितूर था तू साथ है मेरे

जो बात चल पड़ी वो बात हो गई 
बस जी हुजूर था तू साथ है मेरे

No comments:

Post a Comment