दिल मे आग लगाने की जरुरत क्या है
मै कबसे तेरे जलवों का मुरीद हूँ
तो मुझसे इतराने की जरुरत क्या है
तेरी हर बात से सहमत हो जाता हूँ
फिर इतना समझाने की जरुरत क्या है
ज़ख्म से मुहब्बत का नाता गहरा है
इस पे मरहम लगाने की जरुरत क्या है
बस तेरा साथ चाहिए और कुछ नही
इस बेदर्द ज़माने की जरुरत क्या है
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