Monday, 19 August 2024

दोस्ती

दोस्ती 

रश्मोरिवाज हमको सिखाती है दोस्ती
इंसान को इंसान बनाती है दोस्ती

अच्छा हो या बुरा हो कि अपना या गैर हो
इन सब से बड़ा मेल कराती है दोस्ती

रिश्ते भी जहां छोड़ चले अपने साथ को 
उस मोड़ पर भी साथ निभाती है दोस्ती

पापा भी कभी कॉल करें मेरे वास्ते 
तो झूठ भी सच बोल बचाती है दोस्ती

मम्मी के लिए दोस्त मेरे लाजवाब हैं 
मेरी माँ को सबकी माँ बनाती है दोस्ती 

यारों को पता है कि मेरा दिल कहाँ फ़िदा
इस बात पे भी शर्त लगाती है दोस्ती

वैसे तो मजे लूटने में छोड़ते नही 
नाराज अगर हों तो मनाती है दोस्ती

जब राह में हों मुश्किलें तो टोर्च की तरह 
दे रोशिनी वो राह दिखाती है दोस्ती

लड़ना जो पड़े भीड़ से तो दोस्त के लिए 
कुछ सोचे बिना हाथ उठाती है दोस्ती

गमख्वार बने ढाल बने गम के सामने 
तन्हाइयों में जश्न मनाती है दोस्ती

आँखों की नमी पोंछ के गालों के दरमियाँ 
हलचल सी मचा जोर हँसाती है दोस्ती

ये बात सभी मानते जब यार साथ हों 
तो हार में भी जीत दिलाती है दोस्ती



कविराज तरुण

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