Saturday, 20 April 2013

हमारा नेता


आज मै नेता का पर्यायवाची खोजने चला ...
लाख कोशिश करी पर कुछ न मिला ...
किसी ने कहा जो न इत का उत का वो नेता
कोई बोला जो गिन गिन कर पैसे लेता वो नेता
जो वापसी में कुछ नहीं देता वो नेता
जिसका आवारा है बेटा वो नेता
जिसका ईमानदारी से है नहीं नाता वो नेता
जो हड्डियां भी आराम से निगल जाता वो नेता
जो बोल बचन में है आगे ... जिसके साये से भूत भागे
जो सफ़ेद को कर दे काला... किसी को चखने न दे निवाला
सच को झूठ में तब्दील करे ... गुनाह कर के जो अपील करे
खिलवाड़ करे क़ानून की कमजोरी का ... पैसा भरा हो जिसके घर में चोरी का
और जो सरेआम बना बैठा हो वोट का विक्रेता |
बस उसे ही समझ लो है हमारा नेता ||

---- कविराज तरुण

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