Friday 17 July 2020

ग़ज़ल - फैसला कीजिये

#ग़ज़ल
#साहित्यसंगमसंस्थान

212 212 212 212

हर बुरी चीज से फासला कीजिये
मशविरा सिर्फ ये मत बुरा कीजिये

चाहिए उस खुदा की जो रहमत तुम्हे
उसके बंदों का खुलकर भला कीजिये

वक़्त के साथ चलने से होगा ही क्या
वक़्त के बाद का हौसला कीजिये

कोशिशों के बिना कुछ भी मिलता नही
कुछ अलग कीजिये कुछ नया कीजिये

एकदिन तो सभी को है जाना 'तरुण'
राह का आप ही फैसला कीजिये

कविराज तरुण
#साहित्यसंगमसंस्थान

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