Friday 24 July 2020

ग़ज़ल - प्यार कीजिये उसे

#साहित्यसंगमसंस्थान
#ग़ज़ल - प्यार

212121212121212

प्यार से मिले कोई तो प्यार कीजिये उसे
एकबार प्यार से पुकार लीजिये उसे

जाने कैसी उलझनों मे जी रहा है वो अभी
गौर से कभी कभी निहार लीजिये उसे

तेरा क्या है मेरा क्या है कौन लेके जायेगा
अपने हक की चीज भी उधार दीजिये उसे

बार बार कोसने से होगा तेरा क्या भला
नेकभाव से कभी विचार लीजिये उसे

प्यार से बड़ी कोई भी मापनी बनी नही
आप प्यार मे 'तरुण' उतार लीजिये उसे

कविराज तरुण

No comments:

Post a Comment