Monday, 23 October 2023

ग़ज़ल - इकदिन

तुम्हें याद मेरी भी आएगी इकदिन
जमीं झूमकर मुस्कुराएगी इकदिन

हाँ गफलत रही है यही जिंदगी भर
ये है जिंदगी बीत जाएगी इकदिन

जियादा जरूरी है जो चीज तुमको
वही चीज तुमको सताएगी इकदिन

मुहब्बत के इन बेगुनाहों से कह दो
मुहब्बत ही दिल ये दुखाएगी इकदिन

बमुश्किल सँभाला है इन आंसुओं को
ये है जिंदगी तो हँसाएगी इकदिन

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