Friday, 6 October 2023

आज फिर

आ गया आँख में दर्द-ए-गम आज फिर
हर अकेले का रहबर अलम आज फिर

था जो अपने मुताबिक हमेशा से ही
वक़्त वो ही हुआ बेरहम आज फिर

देर तक राह पर आग जलती रही
और उसपर कदम दर कदम आज फिर

कौन कितना सही आज किसको कहे
हो रहा हर किसी को वहम आज फिर

दे रहा है ज़खम पर ज़खम इश्क़ ये 
सह रहा हूँ सितम पर सितम आज फिर

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