पांव से तू नाप डगर , और यार क्या
जिंदगी क्या चाहती है और क्या नही
किसको पता किसको खबर , और यार क्या
दिल के तार जोड़कर दूर तक चलो
रह न जाए कोई कसर , और यार क्या
शाम को तू बैठ कभी इतमिनान से
ढल रही है तेरी उमर , और यार क्या
वक्त और साल तो ये बीत जायेगा
छोड़ देगा अपना असर , और यार क्या
जिंदगी की जंग सदा जीत लेंगे हम
है दोस्तों का साथ अगर , और यार क्या
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