खुद भी उलझे दिल भी उलझा ऐसा भी क्या
रोते रोते हँस देते हो पागल लड़के
खोजा तुमने खूब तरीका ऐसा भी क्या
कांटों की हसरत है खुशबू से भर जाएं
फूलों की फितरत है धोखा ऐसा भी क्या
पानी के अंदर ही डूबा आज समंदर
बारिश की बूंदों में भीगा ऐसा भी क्या
लाख वफा की कसमें तुमने खुद तोड़ी हैं
फिर भी हमसे इतना शिकवा ऐसा भी क्या
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