Sunday, 29 January 2023

मुझे वापस बुलाती है

कभी तेरी गली मुझको बड़ा आवाज देती है
कभी तेरी वो फुलवारी मुझे वापस बुलाती है

बमुश्किल से तुझे जाना कभी मै भूल पाता हूं
मगर जब भूल जाता हूं तो तेरी याद आती है

कई मौसम यहां बदले मगर ये बात ना सुलझी
ये बारिश घर मे आकर के मुझे ही क्यों भिगाती है

वो आँखें मर मिटा जिनपर कोई ख्वाबों का शहजादा
उन्हीं आंखों के दरिया में ये कश्ती डूब जाती है

मुझे बिल्कुल नही मतलब तू कैसी है कहां है तू
हवा फिर भी ये जाने क्यों खबर तेरी बताती है

No comments:

Post a Comment