Sunday 5 April 2020

विषय - साधना कर लीजिए

देश है ये साधको का साधना कर लीजिए
हो सके तो भक्तिमय आराधना कर लीजिए

दे दिया प्रभुराम ने है ये समय विस्तार का
अपने अंदर की छुपी दुर्भावना संहार का

एक दीपक की हृदय स्थापना कर लीजिए
देश है ये साधको का साधना कर लीजिए

दोष देने से किसी को क्या मिलेगा फल बता
जीव होकर तू किसी भी जीव को अब ना सता

धर्म अपना कर्म अपना है जगत अब साथ मे
एक दीपक आस का हो प्रज्वलित  अब हाथ मे

रात में सब नौ बजे शुभ-कामना कर लीजिए
देश है ये साधको का साधना कर लीजिए

कविराज तरुण

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