Saturday 20 April 2013

दिल्ली शर्मसार है

चीख है पुकार है हर ओर बलात्कार है
शर्मिंदा है देश आज और दिल्ली शर्मसार है
भ्रमित युवा है आजका कलुषित हुए विचार हैं
लुप्त हो गए एक क्षण में सारे संस्कार हैं
ट्रेन में बस में ऑटो में या राह पर
छेड़-छाड़ तानेबाजी या एसिड का प्रहार है
लगता है युवक आज हो गया बीमार है
और इन सबके सामने हमारा लोकतंत्र लाचार है
चीख है पुकार है हर ओर बलात्कार है
शर्मिंदा है देश आज और दिल्ली शर्मसार है
 ---- कविराज तरुण
 

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