Monday 23 June 2014

सनम

pfa

याद करेंगे


जो हमें चाहते हैं वो हमेशा याद करेंगे ।
कुछ सक्श ऐसे भी मिल जायेंगे ...
जो नाम  जी भरकर बर्बाद करेंगे ।
खैर हमें क्या ...
खैर हमें क्या , क्या लेना इनसे ।
शम-ए-मोहब्बत के हम परवाने ...
जल जायेंगे मगर रोशिनी बेहिसाब करेंगे ।
कुछ लोग मेरे वजूद का सुबूत मांगेंगे ,
कुछ लोग सहेजने को मेरा ताबूत मांगेंगे ,
कुछ कह देंगे-गया जो उसे जाना ही था ,
कफ़न तो उसका एकदिन यहाँ आना ही था
उसके आँसू मगर फिरभी ये सवालात करेंगे
बिन तुम्हारे भला कैसे जहां आबाद करेंगे
जो हमें चाहते हैं वो हमेशा याद करेंगे ।
दिल से निकली ,पंहुची दिल तक
दिल की बातें ...
फरक नही है , लफ्जों की
क्या थी सौगातें ...
नाम उसके हर ज़र्रा हर अल्फाज़ करेंगे
बंद पलकों में छुपा हर ख्वाब करेंगे ।
जो हमें चाहते हैं वो हमेशा याद करेंगे ।

-कविराज तरुण

तबाह

तबाह हो जाने दे सनम आज , कसम आज तुम्हे ।
इस अँधेरे मे हो जाने दे , दफ़न आज मुझे ।
खुद को तुझसे , तुझ को खुद से अलग कैसे करूँ ।
मेरी उम्मीदों का तू दे दे , कफ़न आज मुझे ।
कि गम से गुम हुआ , गुम से गुमनामी की तरफ ।
हँसते गाते जो कटे दिन , वो बदनामी की तरफ ।
जो मुझे मुझसे बेहतर समझते थे , हैं हैरानी की तरफ ।
बिखरे सपने पहुँच पाए नही , किसी कहानी की तरफ ।
अपने हाथो से ही करना था , खुशियों का दमन आज मुझे ।
तुझमे खोया था अबतक , तुझको खोया हूँ अब जब ।
तेरा चेहरा नही आँखों से हटता , सनम आज मुझे ।
तबाह हो जाने दे सनम आज , कसम आज तुम्हे ।
--- कविराज तरुण

शायद बचपन इसी का नाम

शाम सुहाने बचपन की
फिर बात पुराने बचपन की
कागज़ की कस्ती पानी मे
परियों की शादी कहानी मे
कुत्ते के पिल्ले छोटे से
हलवाई चाचा मोटे से
पिंकी बिल्लू नंदन चम्पक
बांकेलाल की हरदम बकबक
साबू और राका की धूम-धड़ाम
नागराज का इन्तेकाम
जंगल की मस्ती मोगिली संग
टॉम को कर दिया जेरी ने तंग
चन्द्रकान्ता श्रीकृष्णा शक्तिमान
शायद बचपन इसी का नाम

--- कविराज तरुण