Saturday 8 May 2021
ना बहलाओ तुम
उसके जैसा चहरा किसका अच्छा ये बतलाओ तुम
चाँद अगर तुम ला सकते हो तो धरती पर लाओ तुम
फूलों की खुशबू तो उसके आने से ही आती है
हाथों में गुलदस्ता देकर हमको ना बहलाओ तुम
मै पागल हूँ आशिक़ हूँ तो दर्द हमारे हिस्से है
चारा साजी कहकर दिल पर मरहम ना सहलाओ तुम
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