Friday 3 June 2022

ग़ज़ल कहाँ से रास्ता होगा

मुझे मालूम है दिल का कहाँ से रास्ता होगा
ज़रा नज़रेँ मिला लो तुम वहीँ से दाखिला होगा

अगर तुम हो सके तो देख लो फिर आज सीने मे
तिरा ही नाम इसके हरतरफ सच में लिखा होगा

ये दुनिया प्यार की दुश्मन इसे दिल से नही मतलब
लगेगा जब सही सबकुछ तभी कुछ अटपटा होगा

कहानी हीर राँझा की सबक देती यही हमको
के सच्चा प्यार होगा तो हमेशा फलसफा होगा

किसी के लाख कहने पर रुका कब है 'तरुण' आशिक
ये दुनिया जबतलक होगी मुहब्बत का सिला होगा

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