Sunday 18 October 2015

हुनर सीख लिया

दर्द में भी मुस्कुराने का हुनर सीख लिया ,
झूठी उम्मीदों में दिल को बहलाने का हुनर सीख लिया ।
ना गवार सी उनके चले जाने की हर वजह ,
पर दरवाजों से कुंडी हटाने का हुनर सीख लिया ।
उनका ख्वाबों में दस्तक देने का सिलसिला  थमा नही ,
तो हमने आँखों को न सुलाने का हुनर सीख लिया ।
कहते हैं सच्चा प्यार किस्मत वालों को नसीब होता है ,
हमने अपने हाथों से लकीरें मिटाने का हुनर सीख लिया ।

कविराज तरुण

No comments:

Post a Comment