Monday, 5 August 2019

कतअ 15

तुम्ही दिन के उजाले में अँधेरी रात करते हो
खिली सी धूप है फिरभी यहाँ बरसात करते हो
मुझे बिल्कुल नही जँचता तेरा अंदाज सच में ये
किसी से भी बयाँ दिल के सभी जज़्बात करते हो

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