वंदे मातरम
देश के वीर जवानों का मतवाला सा ये टोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम
धारा तीन सौ सत्तर हट गई काश्मीर की घाटी से
अलख जगी है देशप्रेम की केशर की इस माटी से
उरी और फिर पुलवामा का बदला केवल झाँकी है
थोड़ा सा तुम सब्र करो अभी पिक्चर आनी बाकी है
आतंकवाद की नस्लो पर पड़ गया आग का गोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम
एक नही दो बार नही तुम कितनी बारी हारे हो
इतिहास पलटकर देखो तुम बस दहशत के लश्कारे हो
हम दहशतगर्दी का ये नंगा नाच नही चलने देंगे
इस स्वर्ग-सरीखी धरती पर आतंक नही पलने देंगे
अब तेरे छदम इरादों का सब पोल हिन्द ने खोला है
काश्मीर से कन्याकुमारी हरदिल अब ये बोला है
अपना करम अपना धरम
वंदे मातरम वंदे मातरम
कविराज तरुण
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