Thursday, 7 November 2019

लड़को पर ग़ज़ल

हमारी जिंदगी भी इतनी आसान नही है
ये सच है किसी का इसतरफ ध्यान नही है
खर्चों का आलम ये है कि अपनी ख्वाहिशों का गला दबा देते हैं
और ये आँसूँ हमको भी आते हैं ये अलग बात है हम छुपा लेते हैं
धोकेबाज़ फरेबी न जाने क्या क्या नाम मिलते हैं
दारू दवा नही है पर इसी से तो ये ज़ख्म भरते हैं
सुनो तुम भी मेरी तरह किसी के होकर जानो
ये दिल क्या है और दिल्लगी क्या चीज है
एक जमाने से लड़कर अब ये समझ मे आया
खुदखुशी क्या है और खुशी क्या चीज है

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