हमारी जिंदगी भी इतनी आसान नही है
ये सच है किसी का इसतरफ ध्यान नही है
खर्चों का आलम ये है कि अपनी ख्वाहिशों का गला दबा देते हैं
और ये आँसूँ हमको भी आते हैं ये अलग बात है हम छुपा लेते हैं
धोकेबाज़ फरेबी न जाने क्या क्या नाम मिलते हैं
दारू दवा नही है पर इसी से तो ये ज़ख्म भरते हैं
सुनो तुम भी मेरी तरह किसी के होकर जानो
ये दिल क्या है और दिल्लगी क्या चीज है
एक जमाने से लड़कर अब ये समझ मे आया
खुदखुशी क्या है और खुशी क्या चीज है
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