Wednesday 14 September 2022

दोहावली 1-10

-//१//-
जीवन है उपहार ये , रखो अपना ध्यान
धरती पर अवतार को , तरसे हैं भगवान

-//२//-
जिसकी जैसी भावना , उसका वैसा रूप
कोई लागे छांव सा , कोई लागे धूप

-//३//-

जितनी होंगी मुश्किलें , उतना होगा काम
बाधाओं से जीतकर , आते हैं परिणाम

-//४//-

बाहर किसको दूंढता , अंदर हैं जब प्रान
दूजे को क्या देखना , अपने को पहचान

-//५//-

छोटी छोटी बात को , मत देना तुम तूल
अच्छी बातें छोड़कर , जाओ सबकुछ भूल

-//६//-

काम का ही मान है , काम का ही मोल
बाकी सब बकवास है , चाहे जितना बोल

-//७//-

बेमतलब की बात पर, करो नही अलगाव
छोटी सी इक चोट भी, बन जाती है घाव

-//८//-

राखो अपने आप को, सोने सा तुम साफ
जो बुरा तुमको कहे, कर दो उसको माफ

-//९//-

अपना मन यों साफ हो, नही किसी से बैर
ना कोई है आपका, ना ही कोई गैर

-//१०//-

मन की अपने कीजिए , कैसा है संकोच
अपनी हर इक चोट है , अपनी है हर मोच

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