लोग पीड़ित हो गए हैं आपसे, कैसे हैं आप
बाहुबल से जंग तो जीती नही जाती जनाब
बात करने से निकलते रास्ते, कैसे हैं आप
चार पैसे के लिए कितना सुनूं, कबतक सुनूं मै
सर है गर्दन पर हमारे, सोचिये, कैसे हैं आप
झूठ के बिस्तर पे सोने से नहीं आती है नींद
आप हैं जो ख्वाब बोना चाहते, कैसे हैं आप
काम मुश्किल था नही पर, ये तरीका आप का
इक दफा कहते तरुण को प्यार से, कैसे हैं आप
कविराज तरुण