Wednesday 3 July 2013

DEVTAO KA PRAKOP


देवताओ का प्रकोप

हाहाकार से गूंजित ...
उत्तराखंड की भूमि ... और उसपर
ये खुलेआम सियासत
उठ जाते हैं ये हाथ अक्सर ...
वोट मांगने के लिए
या फिर विजयी चिन्ह "V"  इंगित करने के लिए
पर
दुर्भाग्य !
ये हाथ कभी बढे नहीं
मदद करने के लिए
उसके लिए तो हमारे जवान हैं बस ........
ये तो दौरा कर सकते हैं केवल
और जायजा ले सकते हैं
क्यूंकि इनके पास दिल नहीं
केवल
सरकारी ये विमान है बस .......
जब भक्ति की भूमि पर
होंगे हनीमून बारम्बार ...
VIP कोटे से होंगे
दर्शन अपार ...
आज फैला
इस पीड़ित भूखंड पर
अज़ब है व्यापार  ...
रोटी पानी को भी अब
असहाय
है कितना लाचार ...
जब ऐसे पाप होते रहेंगे
इस पुन्य धरोहर पर
तो कैसे
न टूटेगा कहर
कैसे न टपकेगी
आसमान से
मौत .........
कैसे न होगा
देवताओ का प्रकोप |||

--- कविराज तरुण     

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