Monday 14 April 2014

नजरिया

नज़र से देखोगे मेरी , तो नज़र आएगा।
दूर लगता जो तुम्हे , पास चला आएगा ।
नज़र का फेर है , नज़रिए का फरक ।
बात समझोगे तो ,नजरिया बदल जायेगा ।
जब भी किसो से वैचारिक मतबेध होता है तो अपनी ये पंक्तियाँ स्वतः ही स्मृति पटल पर दस्तक दे जाती हैं । आलोचनाओ , विरोधों और आरोपों से भरे इस लोकसभा चुनाव में वाणी की मधुरता और सहजता लुप्त होती नज़र आ रही है । परन्तु इस बात से कदापि संशय नही कि दुर्भावना से ग्रसित तर्क ... कुतर्क की श्रेणी में आता है जिससे सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है । कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा द्वारा कही गई बात ( स्रोत ट्विटर) कि 'अटल जी देश के सबसे कमजोर प्रधानमन्त्री हैं ' अपने आप में कुतर्क की बड़ी मिसाल है । जिस व्यक्ति ने परिवार से ऊपर देश को , स्वयं से ऊपर जनता को और धर्म से ऊपर समन्व्यय को रखा उसके प्रति टिपण्णी से पहले पिछले दस साल का प्रशासन को भलीभांति देख लेना चाहिए था । खैर ! संजय झा को अटल जी की एक कविता का लिंक समर्पित कर रहा हूँ जिसमे कारगिल विजय के बाद अटल जी ने पाकिस्तान और अमेरिका को खुले तौर पर आईना दिखाया था । मुझे नही लगता इतना साहस किसी और प्रधानमन्त्री में अबतक रहा है ... कम से कम मेरी आँखों के सामने तो कदापि नही ---

Watch "Shri Atal Bihari Vajpayee awesome speech against Pakistan and America(must watch)" on YouTube - https://www.youtube.com/watch?v=SKbIlcN4jQQ&feature=youtube_gdata_player

- कविराज तरुण

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