Tuesday, 11 June 2019

ओये सुन - चल ! अब तू कट ले

तुझे पता है क्या ! तेरी जुल्फों को मै बादल समझता था
जो खुद ही पागल है वो भी मुझे पागल समझता था
तेरे पीछे पीछे मैंने जाने क्या क्या न बर्बाद किया
जब जब मैंने साँस ली बस तुझको ही याद किया
और तू ये कह के चली गई - "जा किसी और से पट ले"
ओये सुन - चल ! अब तू कट ले

बाबू शोना जानू न जाने क्या क्या नाम दिये तुमने
एक गर्लफ्रैंड वाले अबतक सारे काम किये तुमने
मेरे खाने-पीने जगने-सोने की थी फिक्र तुझे कितनी
ऐसा लगता था सिर्फ मेरे लिए ही तू धरती पर बनी
पर मुझे क्या मालूम तुम्हे तो दिल से खेलने की लत है
ओये सुन - चल ! अब तू कट ले

कविराज तरुण

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