Tuesday, 3 December 2019

नाम की तरह

आओ गुजारे शाम कभी शाम की तरह
करने हैं हमे काम सभी काम की तरह
तेरे रसूख से मेरा लड़ना फिजूल है
होने दो मेरा नाम अभी नाम की तरह

कविराज तरुण

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