Friday 1 September 2023

ग़ज़ल - ताज़ा तरीन है

हर मोड़ पर हैं मुश्किलें फिर भी यकीन है 
अहसास तेरे साथ का ताज़ा तरीन है

जो रुक गया था बीच मे वो तो है ग़मज़दा 
जो साथ तेरे चल पड़ा वो मुतमईन है

मिट्टी के होके कर रहे किस बात का ग़ुमाँ 
कबतक किसी के नाम लिखी ये जमीन है

ये जिंदगी है और इसका है ये फलसफा
दिल की नजर से देखिये तो सब हसीन है

इस उम्र मे सही गलत का सोचना भी क्या
जिस ओर चल पड़े कदम वो बहतरीन है

कविराज तरुण

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