Thursday 28 September 2023

मतला शेर - मोहब्बत मेरी

दो आँखों में सिमटी है सल्तनत मेरी
यही मक़ाम है मकसद और दौलत मेरी
तमाम किस्सों में क्या ख़ाक बयाबानी है
अभी देखी कहाँ जमाने ने मोहब्बत मेरी 

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