तुमसे है.........
इस दिल की चाहत ,
मन की हसरत,
तन की कुदरत,
तुमसे है...
धड़कन में आहट,
हर लम्हा फुरसत,
काबा कुरबत,
तुमसे है...
इस सरजमीं पर,
हर रोशिनी पर,
सारी नूरी सिरकत,
तुमसे है...
कैसे बताये हम,
क्या छुपाये हम,
अब सारी रहमत,
तुमसे है ...
तू यकीन है,
तू शुकून है,
तू खुदा इबादत,
तुमसे है...
मेरे दिल की ज़न्नत,
रूहानी अस्मत,
मेरा वजूद हिम्मत,
तुमसे है...
आँखों की हरकत,
होंटो की फिदरत,
हाथों की किस्मत,
तुमसे है ।
मेरी अंतर्मुरत,
साँसों की जरुरत,
सूरत और सीरत,
तुमसे है...
दिलनशी तू दिलकशी तू,
है तू अकीदत,
और मोहब्बत,
तुमसे है।।।
---कविराज तरुण
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