Monday, 21 November 2016

अच्छे दिन आयेंगे

सब्र करो
और थोड़ा करो
इंतज़ार
फल मीठा मिलेगा
कड़वे दर्द
मिट जायेंगे
अच्छे दिन फिर आयेंगे

जैसे अमावस के बाद
होता है सुप्रभात
जैसे बादलो के बाद
होती है बरसात

जैसे पतझड़ के बाद
आता है सावन
जैसे सोमवार के उपवास से
मिलता है साजन

ठीक वैसे ही
बुरे दिन
कट कट के
कट जायेंगे
अच्छे दिन फिर आयेंगे ।

*कविराज तरुण*

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