Saturday 27 December 2014

मै

मै चला गया तो वापस नही आऊंगा ।
कितना भी बुला लो मुड़ के ना देख पाउँगा ।
आँसू बहेंगे दर्द भी होगा
सूनी रातो मे मेरा हमदर्द ना होगा
तन्हा रहूँगा अकेला रहूँगा
तुम कितना भी पूछो कुछ ना कहूँगा
याद कितना भी करूँ पर नही मै बताऊंगा ।
मै चला गया तो वापस नही आऊंगा ।
बहुत दिल लगाकर मोहब्बत करी है
नब्ज़ जितनी चली बस इबादत करी है
तेरी खुशियों को खुदा से बढ़कर ही माना
साथ तेरा दिया कुछ भी कह ले ज़माना
बिन कहे बिन सुने यही दोहराऊंगा।
मै चला गया तो वापस नही आऊंगा ।

कविराज तरुण

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