Saturday 7 April 2018

बैंककर्मी

सवाल तो ये चौंकाता है , जब कोई पूँछ बैठता है कि बैंक में आपकी छुट्टी का टाइम क्या है ?

एक उम्र बीत गई घर पे शाम बिताये हुए
और वो कहते हैं आज मौसम सुहाना है
काम काम और सिर्फ काम में जिंदगी है
हमसे बेहतर तो परिंदों का ठिकाना है
लौट आते है हर शाम वो अपने घोंसलों में
दिन की थकान को बच्चों संग मिटाना है
अब तो लोगों ने इंतज़ार हमारा छोड़ दिया
घूमने जाने का सपना परिवार ने छोड़ दिया
नियम क्या बनायें अपना समय कैसे बतायें
खुद ही मालूम कहाँ कि वापस कब जाना है
एक उम्र बीत गई घर पे शाम बिताये हुए
और वो कहते हैं आज मौसम सुहाना है

कविराज तरुण । 9451348935

No comments:

Post a Comment