ख्वाबों का रंग आजकल क्यों लाल लाल है चहरे पे तेरी ये हँसी तो बेमिसाल है
ये बेवजह दिखावटी या बात और है अच्छा ! तुम्हे भी इश्क़ है ये तो कमाल है
कविराज तरुण
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