हौसलों में दम हो तो उड़ान भी हो जायेगी जमीं की फलक से पहचान भी हो जायेगी तुम्हारी काबिलीयत पर हमको यकीं है ये राह जो कठिन है आसान भी हो जायेगी
कविराज तरुण
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