Monday, 22 July 2019

कतअ 12

मुहब्बत के सफर में तुम बड़े बर्बाद बैठे हो
लिए माशूक की फिरसे पुरानी याद बैठे हो
खुदा भी जानता है इश्क़ का अंजाम रुसवाई
बताओ किस भरोसे तुम लिए फरियाद बैठे हो

कविराज तरुण

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