आप सभी को इन् पंक्तियों के माध्यम से नव वर्ष की शुभकामनाएं :
नव वर्ष नव प्रभात नव आशाओं का फिर प्रयास
शक्ति सामर्थ्य समन्व्यय का रहे तेरे घर संपूर्ण वास
मिल जाए सारे स्वप्न यथार्थ से
मिल जाए उन्नति बिना स्वार्थ के
हो जीवन विस्तृत जैसे सागर धरती और आकाश
नव वर्ष नव प्रभात नव आशाओं का फिर प्रयास
--- कविराज तरुण
No comments:
Post a Comment